शिव साधना आश्रम: माउण्ट आबू :
पीठाधीश्वर श्री बैजनाथ जी महाराज द्वारा श्रद्धेय श्रद्धानाथ जी बाबा जी महाराज के ब्रह्मलीन होने के बाद श्री नाथ जी महाराज के आश्रम का कार्यभार संभालने के बाद अनेकों आधारभूत विकास के कार्य किऐ जैसा कि लोक प्रचलित उक्ति है कि सुपात्र को प्राप्त विरासत पल्लवित पुष्पित होती है। श्री बैजनाथ जी महाराज ने अपने गुरू की विरासत को संरक्षित ही नहीं किया वरन् अधिक समृद्ध एवं प्रशस्त किया। अपनी कर्मयोगी प्रकृति एवं संक्रियता के स्वभाव से उन्होंने अनेक स्थायी महत्व के कार्य करते हुए माउन्ट आबू में ‘शिव साधना आश्रम’ के रूप में नाथ सम्प्रदाय की पीठ की स्थापना की।
अचलगढ़ मार्ग पर गुरू शिखर से लगभग 5 किमी. नीचे ओरिया गाँव के ओरिया तालाब के पास के शांत, एकान्त, सुरम्य स्थान का चयन स्वयं श्री बैजनाथ जी द्वारा किया गया। स्थानकी स्वाभाविक ऊर्जा ने उन्हें वहाँ एक तपस्थली बनाने की प्रेरणा दी।
इसके निर्माण के पीछे भी श्री श्रद्धानाथ जी की अदृश्य प्रेरणा रही अपने नवयुवा काल में श्री बैजनाथजी श्री श्रद्धानाथ जी महाराज के साथ रमण भ्रमण के दौरान इस क्षेत्र की यात्रा कर रहे थे तब उन्होंने अपने गुरूवर से उस क्ष्ज्ञेत्र में नाथ पंथ के आश्रम की स्थापना की सद्इच्छा जाहिर की जिसकी परिणित इस आश्रम की स्थापना के रूप में साकार हुई रिजर्व फोरेस्ट के किनारे 12 बीघा भूमि पर यहाँ आश्रम के विशाल भवन के साथ-साथ श्री श्रद्धानाथ जी का मंदिर एवं शिव मंदिर भी है।
माऊन्ट आबू के भव्यतम नैसर्गिक सौंदर्य से युक्त यह एक रमणीय एवं दिव्य स्थान है। यहाँ वर्ष भर बाबाजी महाराज के अनुयायिों का आना जाना लगा रहता है जिनके निवास हेतु अनेक कक्ष बने हुए हैं। इस सुरम्य पर्वतीय आश्रम को योग साधना केन्द्र के रूप में परिणित करने का प्रयास किया जा रहा है।
सन् 2007 में श्री बैजनाथ जी महाराज द्वारा एक वृहत स्तरीय कार्यक्रम अयोजित किया गया था जिसके मुख्य अतिथि एवं वक्ता नाथ सम्प्रदाय की प्रधान पीठ गोरखपुर के उत्तराधिकारी युवाचार्य योगी आदित्यनाथ जी थे।
आर्यजुष्टमिदं वृत्तमिति विज्ञाय शाश्वतम्।
संतः परार्थं कुर्वाणा नोवेक्षन्ते प्रतिक्रियाम्।
यह श्रेष्ठ पुरूषों का सनातन आचरण है-ऐसा समझकर सत्पुरूष बिना प्रत्युपकार की कामना किए दूसरों का उपकार करते हैं।
- महाभारत
श्री श्रद्धानाथजी के आश्रम की पीठाधीश्वर श्री बैजनाथ जी महाराज द्वरा स्थापित माउन्ट आबू के इस शिव साधना आश्रम द्वारा आश्रम के समीपवर्ती क्षेत्र के लोगांें के लिए अनेक सेवा कार्य किए जाते हैं। उक्त क्षेत्र के आदिवासी, निर्धन लोगों को समय-समय पर वस्त्र अनाज आदि वितरित किए जाते हैं।
यहाँ निवास करने वाले जन जातियों के लोगों को कम्बल, रजाई, स्वेटर आदि का वितरण भी प्रतिवर्ष किया जाता है।
निर्धन परिवारों के बच्चों को शिक्षा हेतु यथोचित सहायता व उनके नाप व मौसम के अनुसार कपड़े वितरित किए जाते हैं।
वहाँ के लोगों की यथाशवन्य सहयोग, मार्गदर्शन, सुविधाएँ आदि प्रदान करने की चेष्टा श्री बैजनाथ जी द्वारा ‘‘लोकाः समस्ता सुखिनः भवन्तु।’’ की भावना से की जाती है।
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