इस संस्था का नाम श्री श्रद्धा संस्कृत विद्यापीठ समिति, लक्ष्मणगढ़ (सीकर) राजस्थान है।
श्री श्रद्धा संस्कृत विद्यापीठ, श्री श्रद्धापुरम, लक्ष्मणगढ़ (सीकर) राजस्थान है।
श्री श्रद्धा संस्कृत विद्यापीठ, समिति के अध्यक्ष श्री नाथ जी महाराज का आश्रम के पीठाधीश्वर श्री बैजनाथ जी महाराज है।
श्री श्रद्धा संस्कृत विद्यापीठ: श्रद्धापुरम्
परिचय:
शिक्षा मनुष्य में अंतर्निहित पूर्णता की अभिव्यक्ति है और मानव व्यक्तित्व के समग्र विकास का साधन है। यह सही है कि किसी भी शिक्षण संस्था का परिचय उसके द्वारा शिक्षित छात्र-छात्राएँ होते हैं जो विभिन्न क्षेत्रों में कीर्तिमान स्थापित करके संस्था को गौरवान्वित करते हैं, लेकिन श्रेष्ठ, पवित्र तथा उत्तम शैक्षिक वातावरण, सुविधापूर्ण भवन, विद्वान शिक्षकजन, ऊँचा लक्ष्य एवं स्वस्थ प्रबंधन भी उतना ही जरूरी है, जो विद्यार्थियों को उनके लक्ष्य तक पहुँचाने में सहायक सिद्ध होता है।
सद्य स्थापित वेद-विद्यालय शेखावाटी के समस्त उत्तम एवं प्रसिद्ध शिक्षण-स्थलों में शीघ्रता से उभर कर अपने भव्य परिसर, भवनों, उद्यानों एवं विद्यार्थियों को दी जाने वाली उत्तम शिक्षा, सुविधाओं के कारण दूर-दूर तक सुविख्यात हो गया है यह परिसर जितना भव्य और मनोरम है उतना ही सुविधा जनक भी।
‘‘बाल्यकाल जीवन का प्रातःकाल है अतएव बचपन में प्राप्त शिक्षा महान व्यक्तित्व का निर्माण करने में सहायक बनती है।’’
बसंत पंचमी दिनांक 25 फरवरी, 2002 का दिन श्री संस्कृत विद्यालय के इतिहास में अविस्मरणीय है जिस दिन इसका शिलान्यास महाराज श्री बैजनाथ जी के कर कमलों द्वारा हुआ। प्रदूषण रहित वातावरण शांत और संुदर है तथा अध्ययन के लिए उपयुक्त है। शांत, एकांत वातावरण अध्ययन पर ध्यान केन्द्रित करने में सहायक होता है। श्री श्रद्धापुरम् इसका एक अनूठा उदाहरण है। सुविस्तृत विद्यालय भवन भी श्री श्रद्धानाथ आश्रम के ठीक सामने अवस्थित है। मुख्यद्वार में प्रवेश करते ही सम्मुख ऊपर की मंजिल में भव्य वेद मंदिर बीच में सुशोभित है जिसका उत्तुंग शिखर मानो आज के संस्कारहीन वातावरण में वेद संस्कृति की पुनर्स्थापना का उद्घोष कर रहा है। इसमें ब्रह्मा, विष्णु और महेश की संुदर प्रतिमाएँ हैं। इस मुख्य मंदिर के दोनों और वेद, कर्मकाण्ड, ज्योतिष की प्रयोगशालाएँ हैं जिनके नीचे वृहत् कक्षा कक्ष हैं।
दाहिनी ओर सर्वप्रथम प्राचार्य कक्ष गोलाकार में निर्मित है जहाँ के वातायनों से चारों ओर का निरीक्षण किया जा सकता है। इसके आगे पंक्ति में छात्रों के निवास हेतु सात कमरे हैं मुख्यद्वार के बांयी ओर ठीक प्राचार्य कक्ष के समक्ष गोलाकार प्रशासक कक्ष है जिसकी एक पंक्ति में कक्षा कक्ष तथा दूसरी ओर प्राचार्य एवं शिक्षकों के निवास बने हुए हैं।
मुख्यद्वार के बांयी ओर निरीक्षण कक्ष (कंट्रोलरूम) ड्राइंग पेंटिंग, संगीत, डिस्पेन्सरी, कम्प्यूटर कक्ष, जलगृह तथा दो भंडार गृह आदि बने हुए हैं।
एक आदर्श शिक्षा संस्थान के रूप में आश्रम द्वारा श्री श्रद्धा संस्कृत विद्यापीठ के नाम से एक शैक्षणिक संस्था चल रही है। इस संस्था में प्राचीन संस्कृत वांड्मय तथा आधुनिक शिक्षा पाठ्यक्रम का सुन्दर समन्वय है। यह एक आवासीय विद्यापीठ है। यह संस्था आठवीं तक चल रही है। इसमें लगभग 40 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। वे सभी विद्यार्थी उत्तरी राजस्थान के कुछ जिलों के हैं। इनमें सीकर, झुन्झुनू, चूरू, बीकानेर, नागौर आदि जिले सम्मिलित हैं। प्रवेशिका की मान्यता के लिए प्रयास चल रहा है। आशा है शीघ्र ही प्रवेशिका तक की मान्यता प्राप्त कर ली जाएगी। इस विद्यापीठ में गरीब एवं पिछड़े वर्ग के विद्यार्थी काफी संख्या में हैं। इनमें अधिकांश विद्यार्थियों की पृष्ठभूमि देहात है। इस विद्यापीठ में कोई शुल्क नहीं लिया जाता है। यहाँ पूर्णतया निःशुल्क शिक्षा दी जाती है।
इस विद्यापीठ के संबंध में कुछ सामान्य परिचय देना बहुत आवश्यक है। अतः इस संस्था के विवरणिका के अनुसार कुछ सामान्य सा परिचय उल्लेखित कर रही हूँ।