सहज योगी संत श्री श्रद्धानाथ जी महाराज

हमारा भारत देश धर्म एवं दर्शन की दृष्टि से विश्व में अपना विशिष्ट स्थान रखता है। हमारे देश में अनेक संत महात्मा एवं विद्वान हुए हैं जिन्होंने हमें नैतिक आचरण, सामाजिक मूल्यों एवं आदर्श जीवन का रास्ता दिखाया है। इन संतों ने चिंतन एवं आचरण के आधार पर बनने वाले चरित्र की स्वयं अपने शुद्ध एवं पवित्र आचरण द्वारा व्याख्या की। ऐसे ही एक महान सहजयोगी संत श्री श्रद्धानाथ जी हुए जो एक सहज, सरल एवं विलक्षण व्यक्ति थे। वे एक साधक, सिद्ध एवं तपस्वी महापुरूष थे। जिन्होंने भारत के महान योगी गुरू गोरखनाथ के विशिष्ट योगमार्ग को अपने जीवन की समरसता, अगाध स्नेह एवं समत्व भाव के साथ अपने सेवकों एवं अनुयायियों के सम्मुख प्रस्तुत किया।

श्री श्रद्धानाथ जी के पिता का नाम श्री गाहड़सिंह जी एवं माता का नाम श्रीमती जोर कँवर था। श्री गाहड़सिंह जी राजस्थान राज्य के सीकर जिले की लक्ष्मणगढ़ तहसील के पूर्वांचल में दस किलोमीटर की दूरी पर स्थित पनलावा गाँव के निवासी थे। श्री गाहड़सिंह जी राजस्थान के क्षत्रिय शेखावत वंश से सम्बद्ध थे। वे ब्रिटिश काल में भारतीय सेना में एक सैनिक थे और सन् 1914 में उनकी सेना का पड़ाव झेलम नदी के तट पर स्थित एक छावनी में था।

 

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